वर्तमान समाज की बड़ी कड़वी कहानी है। वर्तमान समाज की बड़ी कड़वी कहानी है।
लोभ, मोह, काम, क्रोध जीवन के हैं शत्रु, भव सागर से पार कर देती है आराधना। लोभ, मोह, काम, क्रोध जीवन के हैं शत्रु, भव सागर से पार कर देती है आराधना।
इक हृदय दर्पण बना है मोहिनी के सामने। इक हृदय दर्पण बना है मोहिनी के सामने।
चिराग ए दिल में जलाओगे तो प्रेम बरसेगा दिल में निश्चित ही प्यार का उदय होगा ! चिराग ए दिल में जलाओगे तो प्रेम बरसेगा दिल में निश्चित ही प्यार का उदय होगा ...
कब तलक तुमसे मिलना होगा, बरसों से इंतजार था मुझको ऐसा लगता कल ही मिले थे, हम प्यासे ही रह गए बी... कब तलक तुमसे मिलना होगा, बरसों से इंतजार था मुझको ऐसा लगता कल ही मिले थे, हम प्...
संघी या मय या घृणा से संघी या मय या घृणा से